लमहा

दिल की बातो को समझने के लिये दिलदार होना जरूरी हे ।दोसती तो करना तो सारा जहा चाहता हे ॥ निभानाकोई नही चाहता हे । मगर ए सी दोसती लमबी नही चलती है।
सब बस एक ही चिज चाहते है। कया यही दोसती व पयार होता है।
Published by ranalove1
11 years ago
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