लोलीवुड का लोलीपॉप कांपिटिशन

क्लब लोलीवुड एक निहायत शानदार बंगले में था। इसे मेडम पिंकी आनंद ने अपनी 7-साल की लाड़ली बेटी मिनी -मेनका और गौरी कलानन्द ने अपनी 9 -साल की लाडली बेटी मिनी -रंभा के कारण स्थापित किया था। वैसे ये दोनों महिलाएं खुद इन्द्र की परियां थीं। इसलिए उन्होने अपनी इन बेटियों को अप्सरा -जैसे नाम दिये। दोनों बच्चियों की छवि देख कोई भी मुग्ध हो जाता। दोनों महिलाएं कलाधर्मी , अर्थात नृत्य और नाट्यकला के क्षेत्र में मशहूर थीं। । नृत्यांगना चंद्रलेखा के संपर्क के कारण दोनों महिलाएं शृंगाररस के नृत्य और वयस्क रस-चस्की कामकला के नाटकों में अभिनय के लिए मशहूर थीं। ऐसे में ये गुण इनकी लाडलियों में भी आने थे।
दोनों महिलाओं ने अपने जैसी दूसरी स्त्रियॉं से संपर्क किया और यह क्लब बना डाला। यहाँ 7 से 13 साल की बालिकाओं से विविध करतब करवाए जाते हैं और कई भाँत के कांपिटीशन होते, जैसे-- फेन्सी ड्रेस प्रतियोगिता, रतिशृंगार प्रतियोगिता , और चस्का-चस्की प्रतियोगिता। आज के दिन चस्का-चस्की प्रतियोगिता रखी गयी। लोलीपॉप बच्चे-बच्चियों का प्रिय चाशनी-मधुर रसडंडी या डंडा है। लेकिन बहुत माताओं और बहनों का इस ओर ध्यान नहीं गया की लोलिपॉप को सही ढंग से चखना, चाटना, व चूँसना कितना महत्वपूर्ण या स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। पिंकी, गौरी, कामना, कामिनी, कामिनीकौशल, रतिप्रिया, सीतासुंदरी, राधारूपवती , मरालीमानसी , मदनमालती जैसी स्थितप्रज्ञ स्त्रियॉं के कारण यह अनोखा क्लब 'लंडन का लोलिपॉप '-केन्द्रित प्रतियोगिता आयोजित करने को तैयार-टंच हुआ।

लं ड न का लो ली पॉ प
कांपिटीशन
नियत समय पर आरंभ हुआ। 40 बच्चियों ने लं ड न के लोलिपॉप का चस्का लिया। सभी बच्चियों ने इस कला-कार्यक्रम के अनुसार अपने तन-बदन-शरीर का शृंगार किया था। पहले इन बच्चियों की परेड हुई जिसमें शारीरिक कला के लोच व कुदक-फुदक के करतब दिखाए गए। सबके आगे मिनी-मेनका व मिनी- रंभा बालिकाएँ थीं। बाकी बच्चियाँ भी सलोनी, चुस्त-फुर्रत, और मधुर गुटुरगूं करते हुए चल रही थीं। इनके वस्त्र ज़्यादातर मिनी- थे।
प्रतियोगिता में नंबर आने से पहले हर बच्ची को चाहे वो किसी भी उम्र की हो , किसी न किसी सुंदरी स्त्री की जांघ पर टिक के बैठना था। इस पवित्रकार्य के लिए आई मेडमों की छवि और कदकाठी अलग किस्म की थी। हर मेदम की गोद में दो बच्चियों को बैठना था, एक उनकी ''इस ''जांघ पर व दूसरी ''उस'' जांघ पर। इसलिए हर मेडम ने अपनी जांघे काफी चौड़ी कर दी थी।
लोलिपॉप लंड न के थे, वहाँ से सीधे मँगवाए गए थे।वे बजन में भारी, कछुक लंब-लंबे मोटे-मोटे, सुगंधित और दो या तीन रंगों के थे ---- लाल, गुलाबी, और बैंगनी। उनका रस बहुत जल्दी नहीं झड़ता था। मिठास व सुगंध अलग-अलग क़िस्मों की थी। प्रतियोगिता में खास ये देखा जाना था की कौन बच्ची कितने लोलिपॉप अपने मुंह में लेती है, वह कैसे चाटती या चूँसती है, और किस तरह लेती है। लोलिपॉप मुंह के हर हिस्से में जाना चाहिए।
मेडम मधुरिमा रानी, चांदी के थाल में ये लेकर आयीं। उसने बताया कि इनमें कुछ लोलिपॉप शुद्धह शहद के हैं। उसके साथ कलावती रानी थी जो पहले खुद एक-एक बच्ची के मुंह में लोलिपॉप डाल उसे आगे-पीछे करती थी। बाद में बच्ची खुद उसे पकड़ कर उसका सुख-स्वाद लेती। हर लोलिपॉप आगे से ऐंठ के साथ मोटा व गोल-सुडौल था व पीछे से लंबा।यह लंडन -चस्की 5 इंच लंबाई से शुरु होती थी। जो बच्ची जितने ज्यादा लोलिपॉप जितनी ज्यादा देर मुंह में चूँसती उसकी फतेह होती। प्रतियोगिता मे यह शर्त थी कि हरेक को अपनी उम्र जितने लोलिपॉप तो लेने ही हैं।
इस प्रतियोगिता मे पहला ईनाम मिनी-रंभा को, दूसरा सावित्री सखी को, तीसरा मिनी-मेनका को, चौथा रम्या को, और पाँचवाँ रसवंती बाला को मिला। इन पांचों ने तीनों रंगों के लोलिपॉप खाये।
रसवंती बाला से इंटरव्यू
पत्रकार रूपाली भोसले ने साक्षात्कार लिया
रूपाली : [ बच्ची के गाल सहलाते हुए ] बेटी, तुम शुद्ध कितनी साल की हो?
रसवंती : 11 की
रूपा : तुमने कितने लोलिपॉप खाये?
रसवंती : 17
रूपा : किन-किन रंगों के खाये ?
रसवंती : 3 गुलाबी, 6 लाल-लाल, और 8 बैंगनी
रूपा : सिर्फ चाटे, चूँसे, या फिर कुछ और ?
रसवंती : अगल-बगल चाटा, आगे से चूँसा,और फिर काट खाया
रूपा : तुमने बैगन रंग के क्यों ज्यादा खाये ?
रसवंती : ( हँसते हुए ) मेरी मॉम को बैगन पसंद है, वो बैगन लेती है --- किचन करने
रूपा : जब तुमने दो लोलीपॉप -- एक लाल-लाल व दूसरा गुलाबी एकसाथ लिया तो तुझे कैसा लगा ?
रसवंती : मेडम, बड़ा मज़ा आया
इंटरव्यू के वक्त कई बच्चियाँ चुहल और शैतानी कर रही थीं। रूपाली ने दो को पकड़ लिया , एक 9 की व दूसरी 13 की थी। पूछा: तुमको ईनाम नही मिला फिर भी तुम खुश क्यों हो ? बड़ी वाली बोली : मेडम , लोलिपॉप लेना ही अपने आप मे ईनाम है, वो भी लंडन का !!!
रूपा : तुमको लंडन पसंद है ? वो बोली -- पसंद है, तभी तो लिया।
रूपा : अच्छा, एक बात बताओ / क्या एक लोलपोप को 3 लड़कियां एकसाथ ले सकती हैं ? दोनों ने कहा कि हमें नहीं मालूम।
रूपाली ने उन्हें एक 10 इंच का कड़क लोलिपॉप दिखाया जो चटक लाल था। बताया कि एक लड़की इसे आगे से, दूसरी पीछे से, और तीसरी बीच मे घुस इसका स्वाद ले सकती है।
कंपीटीशन के अंत मे मेडम पिंकी आनंद ने घोषणा की कि अगली प्रतियोगिता लंबूतरा गरम-गरम गुलाबजामुन खाने की होगी।
Published by lallololi
5 years ago
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